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एलन मस्क की न्यूरालिंक ने एक और व्यक्ति के दिमाग मे ब्रेन कम्प्युटर इंटफेरेन्स लगाने का सफल प्रत्यारोपण किया

एलन मस्क, जो टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के साथ तकनीकी दुनिया में क्रांति लाने के लिए जाने जाते हैं, ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं।  उनकी कंपनी न्यूरालिंक ने एक दूसरे व्यक्ति में ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफ़ेस (BCI) का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है जो मानव और मशीन के बीच के संबंधों को बदल सकती है। न्यूरालिंक क्या है? न्यूरालिंक एक ऐसी कंपनी है जो मस्तिष्क और कंप्यूटर के बीच सीधा संवाद स्थापित करने के लिए तकनीक विकसित कर रही है। इसका लक्ष्य एक ऐसा उपकरण बनाना है जो मस्तिष्क की गतिविधियों को रिकॉर्ड और उत्तेजित कर सके, जिससे लोग अपने विचारों से ही कंप्यूटर और अन्य उपकरणों को नियंत्रित कर सकें। दूसरा प्रत्यारोपण और भविष्य की योजनाएं हाल ही में, न्यूरालिंक ने घोषणा की कि उन्होंने एक दूसरे व्यक्ति में अपना BCI उपकरण सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है। इससे पहले, उन्होंने एक व्यक्ति में इस उपकरण का परीक्षण किया था, जिससे उन्हें कंप्यूटर कर्सर को नियंत्रित करने में मदद मिली थी। मस्क के अनुसार, कंपनी इस साल आठ और उपकरणों को प्रत्यारोपित करने की योजना बना रही है। स...

डीपफेक तकनीक ना केवल कलाकारो के लिए बल्कि वैज्ञानिकों और चिकित्सको के लिए है बड़ा ख़तरा

हाल ही में डीपफेक तकनीक ने साइबर अपराधों का एक नया आयाम प्रस्तुत किया है, और इसका शिकार केवल राजनेता और सेलिब्रिटीज़ ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ भी हो रहे हैं। डीपफेक एक ऐसी तकनीक है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज़ और हाव-भाव को इस हद तक नकली तरीके से प्रस्तुत किया जाता है कि इसे असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। डॉ. केगोमोत्सो माथाबे का अनुभव दक्षिण अफ्रीका की यूरोलॉजिस्ट डॉ. केगोमोत्सो माथाबे ने जनवरी 2024 में एक ऐसे अनुभव का सामना किया जो किसी भी पेशेवर के लिए एक बुरा सपना हो सकता है। एक सहकर्मी ने उन्हें बताया कि उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे एक नकली इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवा का प्रचार कर रही हैं। यह वीडियो इतना विश्वसनीय था कि उनके परिवार और दोस्तों ने भी उनसे इस बारे में पूछताछ की। यह वीडियो असल में एक डीपफेक था, जिसमें माथाबे का चेहरा और आवाज़ नकली रूप से तैयार किए गए थे। वीडियो का मकसद न केवल नकली दवा बेचना था, बल्कि उन लोगों से भी धोखाधड़ी करना था जो इस दवा को खरीदने के लिए अपने बैंकिंग ...