एलन मस्क बार-बार इस बात पर जोर दे चुके हैं कि या तो दूसरे ग्रह पर सभ्यता स्थापित कि जाए नही तो एक दिन पृथ्वी पर ऐसा विनाशकारी दिन आएगा जब जीवन का अंत हो जाएगा।
कोई धुमकेतू एक झटके में सब नष्ट कर देगा , हमारी सभ्यता,विज्ञान और वो सब कुछ जो विकसित करने हजारो वर्ष लगे है , फिर लाखो वर्षो बाद सब Zero से शुरू होगा
उनका मानना है कि यह भविष्यवाणी इतिहास के आधार पर की जा सकती है क्योंकि अतीत में कई बार विशाल धूमकेतु पृथ्वी से टकराकर जीवन को खत्म कर चुके हैं।
हाल ही में एक पोस्ट में मस्क ने फिर से यही विचार दोहराया कि अगर हमें अपने अस्तित्व को बचाना है, तो हमें "स्पेसफेरिंग सभ्यता" बनना होगा।
स्पेसफेरिंग सभ्यता का मतलब है कि इंसान सिर्फ पृथ्वी पर सीमित न रहें, बल्कि अन्य ग्रहों पर भी जीवन को बढ़ावा दें। मस्क का कहना है कि या तो हम एक अंतरिक्ष में यात्रा करने वाली सभ्यता बनेंगे, या फिर हम मर जाएंगे। पृथ्वी पर जीवन को नष्ट करने वाली घटनाएं, जैसे धूमकेतु का टकराना या सूर्य का विस्तार, भविष्य में होना तय है। मस्क ने स्पष्ट किया कि यह बस समय की बात है कि कब यह घटनाएं होंगी।
वर्ष 2017 में एक अकादमिक जर्नल "न्यू स्पेस" में प्रकाशित एक लेख में मस्क ने लिखा था कि इतिहास दो दिशाओं में विभाजित हो सकता है। एक दिशा में हम हमेशा के लिए पृथ्वी पर रह सकते हैं, लेकिन अंततः एक विनाशकारी घटना होगी जो जीवन का अंत कर देगी। दूसरी दिशा यह है कि हम एक अंतरिक्ष में यात्रा करने वाली सभ्यता बनें और कई ग्रहों पर जीवन को विस्तारित करें।
मस्क का सपना है कि एक दिन मंगल ग्रह पर एक आत्मनिर्भर शहर बसाया जाए, ताकि अगर पृथ्वी पर कोई बड़ी आपदा हो, जैसे धूमकेतु का टकराव या तीसरा विश्व युद्ध, तो मानव जीवन सुरक्षित रह सके। मस्क का यह मानना है कि जीवन को केवल पृथ्वी पर सीमित रखना सही नहीं होगा। यदि हम एक बहु-ग्रह सभ्यता बन जाते हैं, तो किसी एक ग्रह पर होने वाली तबाही जीवन को खत्म नहीं कर पाएगी।
इस विचार का महत्व इसलिए है क्योंकि यह केवल मानव जीवन ही नहीं, बल्कि सभी प्रजातियों के जीवन को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें