कंप्यूटर और मॉनिटर के बीच एचडीएमआई (HDMI) केबल के माध्यम से डेटा ट्रांसमिट होता है, तो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण का थोड़ा सा हिस्सा लीक होता है। यह विकिरण हैकर्स के लिए सिग्नल्स को इंटरसेप्ट करना और उसे डिकोड करना संभव बनाता है।
उरुग्वे के मोंटेवीडियो में यूनिवर्सिटी ऑफ़ द रिपब्लिक के फ़ेडेरिको लारोका और उनकी टीम ने एक AI मॉडल विकसित किया है, जो इन लीक हुए डिजिटल सिग्नल्स को पकड़ने और पुनर्निर्मित करने में सक्षम है।
विशेषजो का मानना है की यह तकनीक कुछ बड़े हैकर्स के पास शायद पहले से मोजूद है, हैकर्स कुछ मीटर की दूरी से ही आपकी स्क्रीन पर क्या हो रहा है, इसका पता लगा सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के हमले अधिकतर उच्च सुरक्षा वाले औद्योगिक या सरकारी सेटिंग्स में होते हैं। लारोका का कहना है कि इस तरह के हमले संवेदनशील औद्योगिक या सरकारी सेटिंग्स में पहले से ही हो रहे हैं,
इस तरह के हमलों से बचने के लिए, उच्च सुरक्षा वाले स्थानों में पूरी तरह से शील्डिंग का उपयोग किया जाना चाहिए ।
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