ब्लैक होल का नाम सुनते ही दिमाग में रहस्यमयी और खतरनाक छवि उभर आती है। लेकिन असल में, ब्लैक होल क्या है और यह कैसे काम करता है? आइए, इसे सरल भाषा में समझते हैं।
ब्लैक होल क्या है?ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ गुरुत्वाकर्षण (ग्रैविटी) इतनी मजबूत होती है कि वहाँ से कुछ भी बाहर नहीं निकल सकता - यहाँ तक कि प्रकाश भी नहीं। यही कारण है कि इसे "ब्लैक होल" कहा जाता है, क्योंकि यह बिल्कुल काला होता है और हमें दिखाई नहीं देता।ब्लैक होल कैसे बनता है?ब्लैक होल तब बनता है जब एक विशाल तारा (स्टार) अपनी ईंधन (फ्यूल) खत्म कर लेता है और अपने ही भार के नीचे ढह जाता है। यह प्रक्रिया इतनी जबरदस्त होती है कि तारे का सारा द्रव्यमान (मास) एक छोटे से बिंदु में सिमट जाता है। इस बिंदु को "सिंगुलैरिटी" कहते हैं।
ब्लैक होल के हिस्से
सिंगुलैरिटी: यह ब्लैक होल का केंद्रीय बिंदु है, जहाँ सारा द्रव्यमान सिमट जाता है।
इवेंट होराइजन: यह ब्लैक होल का वह सीमा होती है, जिसके पार जाने के बाद कुछ भी वापस नहीं आ सकता। इसे "प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न" भी कहते हैं।
ब्लैक होल का प्रभावब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि यह अपने पास की सभी चीजों को अपनी ओर खींच लेता है। अगर कोई तारा या गैस का बादल इसके पास आता है, तो यह उसे निगल लेता है। लेकिन डरे नहीं, हमारे सौरमंडल के पास कोई ब्लैक होल नहीं है, इसलिए हमें इससे कोई खतरा नहीं है।वैज्ञानिक अध्ययनवैज्ञानिक ब्लैक होल का अध्ययन करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं, जैसे कि दूरबीन और अंतरिक्ष यान। 2019 में, वैज्ञानिकों ने पहली बार ब्लैक होल की तस्वीर ली, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी, होल ब्रह्मांड के सबसे रहस्यमयी और दिलचस्प चीजों में से एक हैं।
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