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अब मूत्र भी बनेगा पीने का पानी: अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया वाटर-रिसाइक्लिंग स्पेससूट



अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जल संसाधनों का संरक्षण एक प्रमुख चुनौती है। अंतरिक्ष यान में सीमित मात्रा में पानी होता है, और हर एक बूंद कीमती होती है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा समाधान खोजा है जो अंतरिक्ष यात्रियों को अपनी ही मूत्र को पीने योग्य पानी में बदलने की सुविधा देगा।


वर्तमान में, जब अंतरिक्ष यात्री जाते हैं, तो उनका मूत्र एक बड़े डायपर में एकत्र किया जाता है और बाद में फेंक दिया जाता है।

वैज्ञानिको ने एक नया स्पेससूट विकसित किया है जो अंतरिक्ष यात्रियों की मूत्र को रिसाइकिल करके उसे पीने योग्य पानी में बदल देगा। यह स्पेससूट एक मिनी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की तरह काम करता है। इसमें लगे फिल्ट्रेशन सिस्टम मूत्र को शुद्ध करते हैं और उसे साफ, पीने योग्य पानी में बदल देते हैं।


कैसे काम करता है यह सिस्टम?

यह सिस्टम मूत्र को एकत्र करने, उसे फिल्टर करने और फिर शुद्ध पानी के रूप में अंतरिक्ष यात्री को वापस देने की प्रक्रिया का पालन करता है। इसमें विशेष प्रकार के मेम्ब्रेन और फिल्टर होते हैं जो गंदगी, जीवाणु और अन्य हानिकारक पदार्थों को हटाते हैं। इसके बाद, पानी को हाइड्रेशन सिस्टम के माध्यम से अंतरिक्ष यात्री तक पहुँचाया जाता है।

 इस तकनीक से अंतरिक्ष में जल संरक्षण संभव हो सकेगा, जिससे अंतरिक्ष यात्री लंबे समय तक अपने मिशन पर रह सकेंगे।

 







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