हाल ही में एक नई तकनीक विकसित हुई है जो मस्तिष्क के गहरे हिस्सों को बिना सर्जरी के बहुत सटीकता से प्रभावित कर सकती है। यह तकनीक न केवल मस्तिष्क के अध्ययन के नए तरीके खोलेगी, बल्कि अवसाद, लंबे समय तक दर्द और पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) जैसे रोगों के इलाज में भी मदद कर सकती है।
अल्ट्रासाउंड तकनीक की विशेषताएँ
पारंपरिक गैर-आक्रामक तकनीकें, जैसे ट्रांसक्रानियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (TMS) और ट्रांसक्रानियल इलेक्ट्रिक स्टिमुलेशन, मस्तिष्क की बाहरी परतों पर काम करती हैं, लेकिन इनकी पहुंच सीमित है। इसके विपरीत, अल्ट्रासाउंड तकनीक मस्तिष्क के भीतर गहराई तक पहुंच सकती है और इसे सटीकता से लक्षित किया जा सकता है।
इस नए सिस्टम में 256 अल्ट्रासाउंड स्रोत एक हेलमेट में रखे गए हैं, जो व्यक्ति के सिर के चारों ओर फिट होते हैं। इससे मस्तिष्क के छोटे हिस्सों को सीधे प्रभावित किया जा सकता है।
उपचार में संभावनाएँ
यह तकनीक मस्तिष्क की उन संरचनाओं को लक्षित कर सकती है जो केवल कुछ मिलीमीटर आकार की होती हैं। इससे वैज्ञानिक मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों को स्वतंत्र रूप से सक्रिय या निष्क्रिय कर सकते हैं। यह अवसाद, दर्द और PTSD जैसी स्थितियों के लिए एक नया उपचार विकल्प प्रदान कर सकती है।
तकनीकी विकास
इस प्रणाली को विकसित करने वाले शोधकर्ताओं ने यह सुनिश्चित किया कि यह MRI स्कैनर के अंदर भी काम कर सके, जिससे वे उपचार के प्रभाव को सटीकता से माप सकें। प्रारंभिक प्रयोगों में, इस प्रणाली ने मस्तिष्क के एक महत्वपूर्ण हिस्से, लेटरल जेनिकुलेट न्यूक्लियस, को सफलतापूर्वक लक्षित किया है।
चुनौतिया और भविष्य
हालांकि, इस प्रणाली का एक बड़ा नकारात्मक पहलू यह है कि इसके उपयोग के लिए सिर को शेव करना आवश्यक है। बालों की उपस्थिति अल्ट्रासाउंड को बाधित कर सकती है। शोधकर्ता इस समस्या का समाधान खोजने में लगे हैं, जैसे विशेष शैम्पू का उपयोग।
निष्कर्ष
यह नई प्रिसिजन अल्ट्रासाउंड तकनीक मस्तिष्क विज्ञान में एक नया अध्याय खोल सकती है। इसके माध्यम से हम मस्तिष्क के गहरे हिस्सों के उपचार में एक नई दिशा की ओर बढ़ सकते हैं, जो बिना किसी सर्जरी के संभव है। भविष्य में, यह तकनीक कई मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकती है।
Scientific Reference: ioRxiv
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