आजकल, निचले कक्ष (LEO) में अंतरिक्ष प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। लियो (LEO) वह कक्ष है जहाँ अधिकांश उपग्रह, अंतरिक्ष यान, और अंतरिक्ष स्टेशन स्थित होते हैं। इस क्षेत्र में उपग्रहों की बढ़ती संख्या और उनकी कक्षाओं की भीड़-भाड़ ने इस क्षेत्र को प्रदूषित कर दिया है। यह ब्लॉग इस मुद्दे की गंभीरता और इसके समाधान के लिए कदम उठाने की आवश्यकता को समझाने के लिए लिखा गया है।
अंतरिक्ष प्रदूषण का तात्पर्य उन सभी कचरों और अवशेषों से है जो पृथ्वी के निचले कक्ष में तैर रहे हैं। इसमें पुराने उपग्रहों के अवशेष, अंतरिक्ष यान के टूटे हुए हिस्से, और अन्य मानव-निर्मित कचरा शामिल हैं। ये वस्तुएं उच्च गति से चलती हैं और किसी भी टकराव की स्थिति में वे बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं।
वर्तमान में, निचले कक्ष में लगभग 7,000 सक्रिय उपग्रह और लगभग 30,000 टुकड़े कचरे के रूप में मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त, लगभग 10,000 छोटे टुकड़े अंतरिक्ष के कचरे के रूप में तैर रहे हैं। इन संख्याओं में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे टकराव की संभावनाएं बढ़ रही हैं और कक्षीय सुरक्षा का खतरा बढ़ रहा है।
स्टारलिंक परियोजना, जो SpaceX द्वारा चलायी जा रही है, में सेकड़ो उपग्रहों को निचले कक्ष में स्थापित किया गया है। यह परियोजना वैश्विक इंटरनेट सेवा प्रदान करने का लक्ष्य रखती है। हालांकि, इसके विस्तार से निचले कक्ष में उपग्रहों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जो कि अंतरिक्ष प्रदूषण को और बढ़ावा दे रही है।
स्टारलिंक उपग्रहों की बढ़ती संख्या से कक्षीय भीड़-भाड़ बढ़ रही है, जो अन्य उपग्रहों और अंतरिक्ष यानों के साथ टकराव का जोखिम उत्पन्न करती है।
बढ़ते कचरे और उपग्रहों की संख्या से अंतरिक्ष में वस्तुओं की निगरानी करना मुश्किल हो जाता है, जिससे अंतरिक्ष यातायात नियंत्रण में कठिनाई होती है।
अन्य कंपनियों पर प्रभाव:
आज अगर SpaceX अपने Starlink उपग्रहों की तैनाती बढ़ा रही है, तो अन्य कंपनियां भी इसी तरह के उपग्रह भेजने की मांग कर सकती हैं और सब को इस कक्षा मे उपग्रह स्थापित करने की अनुमति देना संभव नही होगा। यह SpaceX के व्यापार पर एकाधिकार की स्थिति को भी जन्म देगा। अन्य कंपनियों को अंतरिक्ष में प्रवेश करने में मुश्किलें आएंगी, जिससे व्यापारिक प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो सकती है।
United Nation को क्यों कदम उठाना चाहिए
L.E.O की दीर्घकालिक स्थिरता बनाए रखने के लिए उपग्रहों की संख्या और कक्षीय कचरे को नियंत्रित करना आवश्यक है। केवल आवश्यक सरकारी उपग्रहो को ही इस कक्षा में उपग्रह भेजने की अनुमति देना चाहिए
निष्कर्ष
निचले कक्ष में अंतरिक्ष प्रदूषण एक गंभीर चिंता का विषय है, और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। स्टारलिंक उपग्रहों की बढ़ती संख्या इस समस्या को और बढ़ा रही है। इसके अलावा, यदि अन्य कंपनियां भी इसी प्रकार के उपग्रह भेजने लगें, तो इससे न केवल अंतरिक्ष प्रदूषण बढ़ेगा, बल्कि व्यापार पर SpaceX के एकाधिकार को भी बल मिलेगा। हमें यह समझने की जरूरत है की अंतरिक्ष का निचला कक्ष अत्यन्त महत्वपूर्ण उपग्रहो के लिए है जो हमे सटीक मौसम संबंधि जानकरी दे पाए, इसके अलावा सुदूर संवेदी उपग्रहो हेतु जो हमे भूमिगत संसाधनो की जानकारी दे सके, अच्छा इंटरनेट हम आप्लिकल फाइबर केबल्स की संख्या बढ़ाकर भी प्राप्त कर सकते है। इसलिए, सयुक्त राष्ट्र को इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए और उपग्रहों की संख्या और कक्षीय कचरे के प्रबंधन के लिए नीतियों को लागू करना चाहिए, ताकि अंतरिक्ष की दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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