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Showing posts from July, 2024

Science Can't Help With Climate Change But Spirituality Can

Why is it necessary to impose restrictions on Starlink satellites in Low Earth Orbit?

These days, space pollution in Low Earth Orbit (LEO) has become a serious issue. LEO is the region where most satellites, spacecraft, and space stations are located. The increasing number of satellites and the growing congestion in this region have led to significant pollution. The purpose of this article is to highlight the severity of the problem and the urgent need for effective solutions. Space pollution refers to all the debris and remnants floating in Earth's lower orbit. This includes old satellite parts, broken components of spacecraft, and other man-made waste. These objects move at very high speeds and, if they collide, can cause massive damage. Currently, there are around 7,000 active satellites and approximately 30,000 pieces of debris in low Earth orbit. In addition, nearly 10,000 smaller fragments are also present as space junk. These numbers are continuously rising, which increases the risk of collisions and threatens the safety of objects in orbit. The Starlink proj...

AI can detect what's on your screen through signal leaks from cables.

When data is transmitted between a computer and a monitor via an HDMI cable, a small portion of electromagnetic radiation leaks out. This radiation can make it possible for hackers to intercept the signals and decode them. Federico Larroca and his team at the University of the Republic in Montevideo, Uruguay, have developed an AI model capable of capturing and reconstructing these leaked digital signals. Experts believe that this technology may already be in the hands of some advanced hackers, who can potentially detect what's happening on your screen from several meters away. They state that such attacks typically occur in high-security industrial or government settings. According to Larroca, these types of attacks are already taking place in sensitive industrial or governmental environments. To protect against such threats, fully shielded setups should be used in high-security locations.

विंडोज कंप्यूटरों में वैश्विक संकट: ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ का कारण

एक अभूतपूर्व घटना में, दुनियाभर के कई माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ कंप्यूटर ठप हो गए हैं, और "ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ" (BSOD) दिखा रहे हैं। इस समस्या ने बैंक, हवाई अड्डों और प्रसारकों सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यवधान उत्पन्न किया है। इसका मुख्य कारण एक व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले सॉफ़्टवेयर क्राउडस्ट्राइक फाल्कन सेंसर में एक अपडेट से संबंधित प्रतीत होता है। क्या हुआ? पहली बार यह समस्या तब देखी गई जब बड़ी संख्या में विंडोज़ कंप्यूटर बूट करने में विफल हो गए और उनकी जगह BSOD दिखने लगा। प्रारंभिक रिपोर्टों में, यूके के स्काई न्यूज ने सुबह 6 बजे के आसपास अपने लाइव प्रसारण को रोक दिया। अन्य कई संगठनों, जैसे एयरलाइंस और बैंकों ने भी इसी तरह की समस्याओं की सूचना दी। दिलचस्प बात यह है कि समस्या केवल बूट-अप विफलताओं तक सीमित नहीं थी। कई उपयोगकर्ताओं ने बताया कि वे अपने काम के बीच में अचानक BSOD देख रहे थे। एडिलेड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के एडी मेजर ने बताया कि कैसे उनके ज़ूम मीटिंग के दौरान एक के बाद एक प्रतिभागियों के उपकरणों पर BSOD दिखने लगे। समस्या की सीमा यह समस्या व्यापक प्रतीत हो...

Weight loss and diabetes medications help reduce alcohol addiction.

A recent study has found that people taking medications like Ozempic and Wegovy for diabetes or weight loss are less likely to develop alcohol addiction. The study, conducted on around 700,000 individuals who had taken these drugs, suggests that they may also be beneficial for people dealing with various types of addiction. Ozempic and Wegovy mimic the hormone GLP-1, which is normally released after eating. This hormone reduces appetite and increases insulin, which helps regulate blood sugar levels. Previous animal studies had shown that these drugs could reduce alcohol intake, and now this large human study confirms similar results. Rong Xu and her team at Case Western Reserve University in Cleveland, Ohio, analyzed the health records of about 84,000 people who were taking either semaglutide or another type of anti-obesity medication. They found that people on semaglutide were half as likely to be diagnosed with alcohol addiction. The same pattern was observed in a separate analysis o...

हीरा बनेगा बिजली क्रांति का सुपर सेमीकंडक्टर

  भारत में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में हीरा सेमीकंडक्टर पावर ग्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बड़ी मात्रा में बिजली को कुशलता से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। यही कारण है कि भारतीय वैज्ञानिक भी हीरे पर आधारित नई पावर इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीकों के विकास में जुटे हुए हैं। जब हम अपने फोन, टैबलेट या लैपटॉप को चार्ज करते हैं, तो पावर इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग होता है। ये उपकरण बिजली को उस वोल्टेज और करंट में बदलते हैं जो हमारे उपकरणों को चलाने के लिए जरूरी होता है। लेकिन आज के सिलिकॉन सेमीकंडक्टर बढ़ती बिजली की मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कारखानों, डेटा केंद्रों और अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पावर ग्रिड को अधिक और उच्च वोल्टेज पर बिजली संप्रेषित करनी होगी। ARPA-E जैसे अमेरिकी संगठनों के साथ, भारतीय वैज्ञानिक और संस्थान भी हीरे पर शोध कर रहे हैं। आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे जैसे संस्थान हीरा सेमीकंडक्टर पर शोध कर रहे हैं, जो सिलिकॉन की तुलना में अधिक ऊर्जा-कुशल हो सकते हैं और अधिक शक्ति को संभाल सकते हैं। हीरा उपकरण सिलिकॉन से कम ऊर्जा ख...

अब मूत्र भी बनेगा पीने का पानी: अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया वाटर-रिसाइक्लिंग स्पेससूट

अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जल संसाधनों का संरक्षण एक प्रमुख चुनौती है। अंतरिक्ष यान में सीमित मात्रा में पानी होता है, और हर एक बूंद कीमती होती है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा समाधान खोजा है जो अंतरिक्ष यात्रियों को अपनी ही मूत्र को पीने योग्य पानी में बदलने की सुविधा देगा। वर्तमान में, जब अंतरिक्ष यात्री जाते हैं, तो उनका मूत्र एक बड़े डायपर में एकत्र किया जाता है और बाद में फेंक दिया जाता है। वैज्ञानिको ने एक नया स्पेससूट विकसित किया है जो अंतरिक्ष यात्रियों की मूत्र को रिसाइकिल करके उसे पीने योग्य पानी में बदल देगा। यह स्पेससूट एक मिनी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की तरह काम करता है। इसमें लगे फिल्ट्रेशन सिस्टम मूत्र को शुद्ध करते हैं और उसे साफ, पीने योग्य पानी में बदल देते हैं। कैसे काम करता है यह सिस्टम? यह सिस्टम मूत्र को एकत्र करने, उसे फिल्टर करने और फिर शुद्ध पानी के रूप में अंतरिक्ष यात्री को वापस देने की प्रक्रिया का पालन करता है। इसमें विशेष प्रकार के मेम्ब्रेन और फिल्टर होते हैं जो गंदगी, जीवाणु और अन्य हानिकारक पदार्थों को हटाते हैं। इसके बाद, पानी को ह...

वास्तविक दुनिया में प्रवेश करेंगे मानवरूपी रोबोट

मानवरूपी रोबोट्स का विकास तेजी से हो रहा है, खासकर सुदृढ़ीकरण शिक्षण (Reinforcement Learning) की मदद से। हाल ही में दो शोधपत्रों ने दिखाया है कि कैसे इस AI तकनीक का उपयोग कर रोबोट्स को और अधिक गतिशील और लचीला बनाया जा सकता है।

लेजर तकतीक से केंसर का पता लगाना होगा आसान

  कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, और इसके जल्दी पहचानने से उपचार की सफलता दर में सुधार हो सकता है। हाल के वर्षों में, वैज्ञानिक नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं, जिसमें लेजर लाइट का उपयोग कैंसर का पता लगाने के लिए एक प्रमुख तकनीक बनता जा रहा है।

क्या इसरो घाटे में है? इसरो की आय के स्त्रोत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसरो), जिसे भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण संगठन है जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को संचालित करता है। आईएसरो की वित्तीय स्थिति और उसकी कार्यक्षमता की दृष्टि से, यह संगठन लाभदायक होता है। आईएसरो की आय के स्रोत: 1.वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपण सेवाएं: ईसरो अन्य देशों और निजी कंपनियों को उपग्रह प्रक्षेपण सेवाएं प्रदान करता है। वे अपनी प्रक्षेपण यांत्रिकियों जैसे PSLV (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) और GSLV (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) का उपयोग करके उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए शुल्क वसूल करते हैं। 2.उपग्रह संचार सेवाएं : ईसरो अपने उपग्रहों जैसे INSAT और GSAT श्रृंखला के माध्यम से संचार सेवाएं प्रदान करता है। ये उपग्रह सेवाएं दूरसंचार, प्रसारण, मौसम पूर्वानुमान और दूरस्थ संवेदना जैसी सेवाओं को उपलब्ध कराते हैं, जिससे सेवा सदस्यता के माध्यम से आय प्राप्त होती है। 3.प्रौद्योगिकी स्थानांतरण और परामर्श सेवाएं: आईएसरो तकनीक के स्थानांतरण, उपग्रह तकनीक बेचकर और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों से स...

कैसी होगी भारतीय अर्थव्यवस्था अगर अप्रत्यक्ष करो (GST)को हटाकर प्रत्यक्ष करो(Income Tax) को बढ़ा दिया जाए

अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर प्रत्यक्ष करों को बढ़ाने के भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण करते समय हमें दोनों सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं

रोजगार में कमी नही बल्कि रोजगार के क्षेत्रो पर पड़ेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रभाव

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने आज के समय में तकनीकी दुनिया में क्रांति ला दी है। इसके अनुप्रयोग हर क्षेत्र में देखे जा सकते हैं, चाहे वह स्वास्थ्य सेवा हो, शिक्षा हो, वित्त हो या फिर औद्योगिक क्षेत्र। लेकिन इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि AI का रोजगार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

जिद्दु कृष्णमूर्ति: एक कम आंके गए भारतीय दार्शनिक

भारत की धरती ने अनेक महान दार्शनिकों और संतों को जन्म दिया है, जिन्होंने अपनी अद्वितीय सोच और गहन विचारधारा से विश्वभर को प्रभावित किया है।

गर्भपात का अधिकार: भारत में इसकी स्थिति

गर्भपात का अधिकार महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वतंत्रता के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल उनके शरीर के प्रति आत्मनिर्णय का अधिकार है, बल्कि उनके जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। विभिन्न देशों में गर्भपात के अधिकारों को लेकर कानून और नीतियां भिन्न हो सकती हैं।

IVF for Gender Selection and India's Rich Vs Poor

IVF is a process in which eggs and sperm are fertilized outside the body, and then the embryo is implanted into the uterus. PGT is used to screen embryos that may be at risk for genetic disorders. This process can also determine the sex of the embryo, which is sometimes used for family planning. Sex selection can help prevent genetic disorders, especially in families with a history of sex-linked conditions. Some families also wish to have one son and one daughter to maintain a balanced family. In India, sex selection faces legal and cultural challenges. Under the Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques (PCPNDT) Act, sex selection is strictly prohibited to prevent female feticide and to maintain gender balance. Traditional mindsets and a male-dominated society often create pressure for male children, which can negatively impact the female-to-male ratio. Although banned in India, sex selection is legal in countries like Dubai, Thailand, UAE, USA, and Russia. As a r...

इन्फ़िब्युलेशन: एक क्रूर प्रथा और पूर्वी अफ्रीका की सच्चाई

हो सकता है की यह आपको काफी अजीब और अमानवीय लगे, लेकिन अफ्रीका के कई हिस्सो  मे आज भी ऐसा होता है

इच्छा मृत्यु : भारतीय परिप्रेक्ष्य

इच्छा मृत्यु से तात्पर्य, शुभ मृत्यु से है। प्रयोगात्मक नीतिशास्त्र ऐसा मानता है कि सामान्यतया मृत्यु शुभ नहीं होती, परंतु कुछ परिस्थितियों में इच्छा मृत्यु को अनैतिक नहीं माना जाना चाहिए, जैसे -

सरोगेसी: मातृत्व की नई परिभाषा

सरोगेसी, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक ऐसा चमत्कार है जिसने न केवल निःसंतान दंपत्तियों के जीवन में खुशियों के रंग भरे हैं, बल्कि मातृत्व की नई परिभाषा भी दी है। सरोगेसी की प्रक्रिया में एक महिला (सरोगेट माँ) किसी अन्य दंपत्ति के लिए गर्भ धारण करती है और बच्चे को जन्म देती है। यह उन दंपत्तियों के लिए एक वरदान साबित हो रही है जो किसी कारणवश स्वाभाविक रूप से संतान सुख नहीं पा सकते।

जीन एडिटिंग व डिजाइन बेबी: लाभ, चुनौतियाँ और नैतिक दृष्टिकोण

जीन एडिटिंग, या जीन संशोधन, आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी का एक महत्वपूर्ण उपकरण है जिसने चिकित्सा और कृषि के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। इस तकनीक के माध्यम से वैज्ञानिक किसी जीव के डीएनए में विशेष परिवर्तन कर सकते हैं।

तीन माता-पिता का बच्चा: विज्ञान की नई क्रांति

तीन माता-पिता के बच्चे की अवधारणा विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस तकनीक का उद्देश्य माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों को रोकना और स्वस्थ बच्चों को जन्म देना है। माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियाँ उन

ब्लैक होल: एक रहस्यमय ब्रह्मांडीय घटना

ब्लैक होल का नाम सुनते ही दिमाग में रहस्यमयी और खतरनाक छवि उभर आती है। लेकिन असल में, ब्लैक होल क्या है और यह कैसे काम करता है? आइए, इसे सरल भाषा में समझते हैं।